बनारस में घूमते हुए जैसे तरह तरह के लोग मिलते हैं - कलाकार, जोकर, कवि, गप्पी, साधू, चोर, दार्शनिक, अनगढ़, मनगढ़ इत्यादि, वैसे ही कई तरह के जानवर भी मिलते हैं.
कुछ बड़े विचारमग्न हो, सड़क पर बैठे मिलते हैं.
या कुछ ऐसे कि जानबूझ कर लोगों को परेशान करने के लिए बीच सड़क पर बैठे/खड़े हों.
कुछ पूजा की ओट में प्रसाद खाते हुए,
तो कुछ मेहनत से ढूँढा खाना खाते हुए.
कुछ सर्दियों की धूप सेंकते हुए,
तो कुछ दोस्तों के साथ आराम फरमाते हुए.
कुछ झुण्ड में आते हैं.
कुछ अकेले.
- घुमन्तू
कुछ बड़े विचारमग्न हो, सड़क पर बैठे मिलते हैं.
या कुछ ऐसे कि जानबूझ कर लोगों को परेशान करने के लिए बीच सड़क पर बैठे/खड़े हों.
कुछ पूजा की ओट में प्रसाद खाते हुए,
तो कुछ मेहनत से ढूँढा खाना खाते हुए.
कुछ सर्दियों की धूप सेंकते हुए,
तो कुछ दोस्तों के साथ आराम फरमाते हुए.
कुछ झुण्ड में आते हैं.
कुछ अकेले.
- घुमन्तू